आश्वासनों पर ठोस जमीनी कार्यवाही हो अन्यथा पुनः उग्र आंदोलन की चेतावनी।

 

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जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में, जोशीमठ आपदा के प्रभावितों के विभिन्न सवालों,  जोशीमठ नगर के पुनर्स्थापन स्थाईकरण नवनिर्माण एवं सम्पूर्ण जोशीमठ के प्रत्यक्ष परोक्ष प्रभावितों को हुए नुकसान की भरपाई/मुआवजे की मांगों को लेकर पिछले एक सौ सात (107) दिनों से चल रहे धरने को आज दिनांक 21 अप्रैल 2023 से 20 दिनों के लिये स्थगित किया गया है। (Joshimath Movement)

8 अप्रैल2023 को मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के साथ संघर्ष समीति के प्रतिनिधियों की हुई वार्ता के क्रम में, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा पेश की गईं हमारी 11 सूत्री मांगों पर सहमति व्यक्त की थी, पर आज उपजिलाधिकारी द्वारा लिखित पत्र दिया गया। 11 सूत्री मांगों को हल करने, समय पर वार्ता द्वारा सभी समस्याओं का हल निकालने के आश्वासन के बाद धरना स्थगित किया गया।

धरना स्थल पर हुई बैठक सभा में सभी वक्ताओं ने इसे आंदोलन की सफलता बताया व आगे जब तक मांगे जमीन पर नहीं उतरती तब तक सतत संघर्ष का संकल्प दोहराया। 

संघर्ष समिति द्वारा घोषणा की गई कि सरकार 11 मई तक दिए गए आश्वासनों पर ठोस जमीनी कार्यवाही अमल में लाए। अन्यथा 11 मई के उपरांत पुनः उग्र आंदोलन के साथ नई शुरुआत की जायेगी ।

संघर्ष समिति इन 20 दिनों में सरकार के कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ आगे के आंदोलन की तैयारियां भी करेगी । लोगों के बीच जाकर आंदोलन की अब तक की उपलब्धि बताने के साथ भविष्य की चुनौतियों और उसके लिए आंदोलन की भावी रणनीतियों पर भी राय मशविरा करेगी। इसी आधार पर 11 मई के बाद की रूपरेखा बनाई जाएगी । 

संघर्ष समिति ने सम्पूर्ण जोशीमठ की जनता व विभिन्न सामाजिक समूहों, खासतौर पर मातृ शक्ति का व्यापारियों, टैक्सी यूनियन व किसानों  मजदूरों का युवाओं बुजुर्गों का  आंदोलन को सफल बनाने में सहयोग हेतु धन्यवाद किया । व भविष्य में भी सहयोग की अपील की । साथ ही आंदोलन को व्यापक कवरेज करने के लिए स्थानीय , जिले, राज्य व राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार साथियों पत्र पत्रिकाओं टीवी मीडिया संस्थानों का भी धन्यवाद आभार व्यक्त किया। 


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