10 मिलियन सब्सक्राइबर्स के साथ उत्तराखंड के सौरव जोशी बने देश के नंबर-1 यूट्यूब व्लॉगर।

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर अपने दैनिक जीवन और लाइफस्टाइल से जुड़े वीडियो बनाने वाले सौरव जोशी 10 मिलियन्स सब्सक्राइबर्स हासिल कर देश के नंबर 1 यूट्यूब व्लॉगर बन गए हैं। जिन्हें YouTube Creator Award डायमंड बटन (Dimond Button ) देखकर सम्मानित करेगा। इसी के साथ वे देश और उत्तराखंड के यूट्यूब डायमंड बटन प्राप्त करने वाले पहले व्लॉगर बन गए हैं।  

तकनीक के इस्तेमाल से अपने हुनर को निखार देश-दुनिया में अपने नाम और काम का डंका बजाने वाले सौरव उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कौसानी के समीप टोटासिलिंग गांव के रहने वाले हैं। वर्तमान में वे उत्तराखंड के हल्द्वानी में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। कभी स्कैच बनाने में दिलचस्पी रखने वाले सौरभ के आज देशभर में करोड़ों दीवाने हैं। उनका यूट्यूब चैनल देश का फास्टेस्ट ग्रोइंग यूट्यूब चैनल है। सही मायनों में वह आज के युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। (Sourav Joshi )


कैसे हुई व्लॉगिंग की शुरुवात- 

सौरव जोशी कहते हैं कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान उन्होंने अपने खाली समय में  परिवार के साथ अपनी दिनचर्या के वीडियो बनाकर यूट्यूब में अपलोड किये, जिन्हें लोगों ने काफी पसंद किये। यही मेरी यूट्यूब व्लॉगिंग की शुरुवात है। सौरव जोशी ने यूट्यूब में अपना चैनल 19 फरवरी 2019 को बनाया और 6 नवंबर 2021 को 10 मिलियन सब्सक्राइबर्स का परिवार पूर्ण हुआ। अभी तक उनका चैनल 2,942,357,569 बार देखा जा चुका है। 


एक दिन में लाखों लोग देखते हैं सौरव जोशी व्लॉग -

सौरव जोशी हर दिन सुबह 8 बजे एक वीडियो पब्लिश करते हैं। जो उनके पिछले दिन की सुबह से शाम तक की डेली लाइफस्टाइल पर आधारित होती है। वीडियो के पब्लिश होने के कुछ ही घंटों में लाखों व्यूज आते हैं। इस वीडियो को एक दिन में करीब 30 से 40 लाख लोग देखते हैं। उनकी हर एक वीडियो गूगल ट्रेंडिंग में होती हैं। 


हाल ही में परिवार हरियाणा से उत्तराखंड शिफ्ट हुआ है - 

सौरव जोशी के पिता हरीश जोशी हरियाणा के हिसार में उस समय ठेके पर पुट्टी, पीओपी का काम करते थे। बच्चों की बेहतर पढ़ाई के लिए उन्हें अपने परिवार को भी उत्तराखंड से हरियाणा लाना पड़ा। अपनी जन्मभूमि उत्तराखंड से उनका लगाव उन्हें पुनः उत्तराखण्ड खींचकर ले चला आया। हाल ही में वे उत्तराखंड के हल्द्वानी में रहने लगे हैं। 


उत्तराखंड की संस्कृति से बेहद लगाव है उनका -

सौरव जोशी और उनका परिवार अपनी कुमाऊंनी संस्कृति से बेहद लगाव रखते हैं। उनका खानपान, पहनावा और उनका दिल सदैव यहाँ की संस्कृति को सम्मान देता है। हाल ही में सौरव जोशी ने मेरो पहाड़, मेरि पछ्याँण कार्यक्रम में कुमाऊंनी साक्षात्कार दिया था।  जिसे आप इस वीडियो में देख सकते हैं -