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आदिशक्ति पीठ पोथिंग में नंदा भगवती पूजा संपन्न, हजारों श्रद्धालुओं ने किए माता के दर्शन।


बागेश्वर । आदिशक्ति स्वरूपा मां नन्दा भगवती शक्तिपीठ पोथिंग में हर वर्ष होने वाली नंदा भगवती पूजा बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई। भाद्रपद प्रतिपदा से प्रारंभ हुए इस पूजा में सात दिन तक भगवती के जागरण एवं पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न कराए गए और अष्टमी तिथि को मुख्य मंदिर के कपाट खुले और श्रद्धालुओं को नंदा भगवती के मुखार दर्शन हुए।


नंदा अष्टमी को कपकोट ब्लॉक के पोथिंग में सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से लोग हजारों की संख्या में मां के धाम में पहुंचे और माता से सुख-समृद्धि और कुशलता की कामना की। भक्तों ने माता को घंटे, भकोरे, चुनरी, निशाण, ढोल-नगाड़े अर्पित किये। दिनभर मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। विवाहित बेटियों ने अपने मायके की आराध्य मां नंदा के धाम में आकर पूजा-अर्चना की। शाम डिकर सेवाना की पवित्र और भावपूर्ण रस्म अदा की गई। लोगों ने माँ नंदा माई को नम आंखों से उनके ससुराल कैलाश को विदा किया। इसके बाद माता के मंदिर में बनी हजारों पूड़ियों का वितरण हुआ। जिन्हें भक्तों ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।

500 ग्राम वजनी हजारों पूड़ियों का लगा भोग:


मंदिर में माँ नंदा भगवती को 500 ग्राम वजनी हजारों पूड़ियों का भोग लगाया गया। जिन्हें बाद में भक्तों को प्रसाद स्वरुप वितरित किया गया।
इन मोटी वजनी पूड़ियों को लेने के लिए लोगों में ख़ास उत्साह देखा गया।

भक्तों ने माता के प्रांगण में लिया झोड़े-चांचरी का आनंद :

हर वर्ष की भांति भक्तों ने माता के प्रांगण में पारम्परिक लोकनृत्य गीत झोड़ा-चांचरी गाकर  अपना और दर्शकों का मनोरंजन किया। महिलाओं ने इस कुमाऊंनी पारम्परिक लोकनृत्य गीत में बढ़चढ़कर अपनी सहभागिता की। महिला मंगल दल पोथिंग के सदस्यों ने खोल दे माता खोल भवानी चांचरी गाकर सभी लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया।

सुप्रसिद्ध पोथिंग के मेले में आये हजारों लोग :

नंदा माई के धाम में पूजा अर्चना के बाद लोग पोथिंग के मेले में शामिल हुए। बागेश्वर, कपकोट, नामिक के अलावा बाजपुर, रामपुर, रामनगर से आये व्यापारियों ने यहां अपनी दुकानें सजाई। जहां से लोगों ने जमकर खरीददारी की। लोगों ने पोथिंग की प्रसिद्ध जलेबी का आनंद लिए और कौतिक की मिठाई के रूप में इसी जलेबी को अपने घरों को भी ले गए।

पोथिंग भगवती मंदिर में जर्मनी के गुइदो पीटर भी पहुंचे। वे पहाड़ी संस्कृति और रीति-रिवाजों की ओर आकर्षित दिखे। उन्होंने लोगों के साथ पारंपरिक चांचरी गाकर मनोरंजन किया। माँ नंदा के प्रति अपनी आस्था को मजबूत किया। वे विभिन्न लोगों से मिले और यहां की संस्कृति में रंगे दिखे।

नवयुवकों ने पूजा और मेले की सुविधाओं के लिए अपना योगदान दिया-


पोथिंग के नवयुवकों ने मेले की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया। इसके अलावा पुलिस-प्रशासन का भी पूजा व्यवस्थाओं को बेहतर करने में सहयोग रहा।

मंदिर समिति अध्यक्ष भूपाल सिंह गड़िया, नंदन सिंह गड़िया, दयाल गड़िया, धाम सिंह, कमल गड़िया, प्रकाश गड़िया, संतोष बिष्ट समेत सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा सम्पन्न कराने में अपना सहयोग दिया।

पूजा को सम्पन्न कराने में महिलाओं ने दिया अपना अमूल्य योगदान-

पोथिंग में चले आठूँ पूजा में यहां की महिलाओं ने भरपूर सहयोग किया। विभिन्न सामाजिक कार्यों में मातृशक्ति ने अपना विशेष योगदान दिया। इनमें बीना गड़िया, खष्टी फर्स्वाण (महिला मंगल दल  सचिव) खष्टी बिष्ट,लीला गड़िया,कमला गड़िया , तुलसी गड़िया, खिमुली बिष्ट, नीमा दानु, हंसी देवी आदि शामिल थे।

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