पारम्परिक रीति-रिवाजों के साथ पोथिंग गांव में भगवती पूजा का शुभारम्भ।

फोटो साभार - भगवती मंदिर पोथिंग 

बागेश्वर ।  आज भाद्रपद शुक्ल प्रतिपदा को भगवती मंदिर पोथिंग में गेहूं भरने की पारम्परिक रस्म, ढोल-नगाड़ों की थाप और देवी के जयकारों के साथ आठूँ पूजा का शुभारम्भ हो गया है। आज से यहां तिपारी में रात्रि जागरण प्रारम्भ होंगे, रात्रि के विभिन्न प्रहरों में माता की आरती होंगी, नन्दा के पारंपरिक जागर गाये जाएंगे और देवी भगवती एवं अन्य देव अपने डंगरियों में अवतरित होकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे।


इस दौरान दिन में विभिन्न पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान, हवन, पूजा-पाठ सम्पन्न होंगे। सप्तमी तिथि को देवी भगवती के मूर्ति निर्माण के लिए कदली वृक्ष मंदिर में ले जाया जाएगा तथा नंदा अष्टमी को मुख्य मंदिर में पूजा सम्पन्न होगी। इसी दिन सुप्रसिद्ध पोथिंग का मेला भी लगेगा।


शनिवार 16, सितम्बर की सुबह से ही ग्रामीणों का फूल-पाती और पारम्परिक चढ़ावा गेहूं, जौ, तिल, तेल के साथ तिपारी में पहुंचने का सिलसिला जारी रहा है। दिन में माता भगवती, धर्मभाई लाटू, गोलू , नौलिंग-बंज्यैण, काला बाण आदि देव अपने डांगरों में अवतरित हुए और ग्रामीणों द्वारा लाये गए गेहूँ को तिपारी के प्रांगण में मापकर आठूँ पूजा की विधिवत शुरुआत की। 

ग्रामीणों द्वारा अर्पित किए गए इस गेहूं को माता के घराट में पीसकर मुख्य मंदिर में ले जाया जायेगा, जहाँ इसी आटे से बनी पूड़ियों का भोग अष्टमी पूजा के दिन माता भगवती को लगाया जाएगा।


कपकोट तहसील मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित  पोथिंग गांव के मध्य माँ नन्दा भगवती का भव्य मंदिर है जहाँ हर वर्ष भाद्रपद नवरात्रों में माता की पूजा की जाती है। मान्यतानुसार यहां पोथिंग में मां भगवती ने संसार के कल्याण के लिए विचरण करते हुये एक रात्रि के लिए विश्राम किया था तथा अपने भक्तजनों को दर्शन-लाभ प्रदान कर कृतकृत्य किया था। 


नवरात्रों में यहाँ रातभर जागरण और भव्य आरती होंगी। ढोल-दमुवे, झांजर, भकौरों  की धुन पर होने वाली आरती बड़ी ही मनोहारी होती है। यहाँ दूर-दूर से भक्त और मेलार्थी पहुंचकर यहाँ के दिव्य दर्शन करते हैं। यहाँ हुड़के की थाप के साथ शुचिता, स्नेह और शालीनता के पुष्प बिखेरना, झोड़े-चांचरी का मन भावन आयोजन साथ-साथ चलता रहता है। इस भव्य पूजा में शामिल होने के लिए प्रवासी भी हर वर्ष अपनी ईष्ट देवी भगवती के दर्शनार्थ अपने घर पहुंचते हैं।


नवनिर्मित भगवती मंदिर पोथिंग (बागेश्वर)

इस वर्ष भगवती मंदिर पोथिंग में आठूँ पूजा है। मुख्य मंदिर के कपाट नंदा अष्टमी तिथि को खुलेंगे और श्रद्धालुओं को इस दिन माँ भगवती के मुख़ार दर्शन होंगे। इसी दिन मुख्य मंदिर में नंदा भगवती की पूजा पारंपरिक विधि-विधान के साथ की जाएगी। भगवती माता को 500 ग्राम वजनी हजारों पूड़ियों का भोग लगाया जायेगा। मंदिर प्रांगण में लोग हुड़के की थाप पर पारम्परिक चांचरी जायेंगे। दिन को प्रसिद्ध 'पोथिंग का मेला' लगेगा। लोग मेले की प्रसिद्ध जलेबी का आनंद लेंगे। मंदिर में दिन भर श्रद्धालु अपने पूजा-पाठ संपन्न करवाएंगे। सायं 'डिकर सेवाना' की पवित्र और भावपूर्ण रस्म के बाद श्रद्धालुओं को एक मोटी पूड़ी का प्रसाद वितरित किया जायेगा और इसी के साथ  आठूं पूजा का समापन होगा।


Nanda Devi Festival 2023

समस्त उत्तराखंड में भाद्रपद में होने वाली नंदा पूजा को एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस हिमालयी राज्य में जगह-जगह इस दौरान माँ नंदा भगवती की पूजा बड़े धूमधाम से आयोजित होती हैं। दानपुर बागेश्वर के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक पोथिंग शक्तिपीठ में होने वाले भगवती पूजा 2023 का कार्यक्रम तिथिवार इस प्रकार है -