बागेश्वर । जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में धान रोपाई का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। मंगलवार को बिलौना में धान की रोपाई कर रही महिलाओं के साथ जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने भी हुड़किया बौल के साथ धान की रोपाई की। इस दौरान जिलाधिकारी को अपने बीच पाकर महिलाएं काफी खुश नजर आयी। हुड़किया बौल के साथ धान की रोपाई उत्तराखंड की एक पुरानी परंपरा है। जनपद के कुछ स्थानों में आज भी इसका निर्वहन किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तराखंड में लोकगीतों की समृद्ध परंपरा रही है। हुड़किया बौल इसमें प्रमुख है। उन्होंने कहा खेती और सामूहिक श्रम से जुड़ी यह परंपरा जीवंत रहे, इसका बीड़ा सभी को उठाना होगा। कहा कि कुमाऊं के लोक का अतीत अत्यंत समृद्ध रहा है। लोकगीतों के ही कई आयाम है। लोकगीतों को इतने सलीके से तरासा गया है, कि इनमें जीवन का सार दिखता है। अपनी पुरातन विरासत को संरक्षित करने और उसे नई पीढ़ी तक ले जाने का प्रयास सभी को करना चाहिए।
जिलाधिकारी ने हुड़किया बौल के साथ धान की रोपाई को अपना पहला अनुभव बताते हुए इसे आनंदित करने वाली संस्कृति बताया। उन्होंने कहा युवाओं के साथ ही प्रवासियों को भी इस प्रकार के आयोजनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए, इससे जहां एक ओर हुड़किया बौल जैसी पारंपरिक संस्कृति को बल मिलेगा, वहीं हुड़का वाद्ययंत्र बजाने वाले कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा।
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