नोएडा प्राधिकरण की कार्यवाही से 1500 बच्चों का भविष्य दांव पर।

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News.eKumaon.com | नोएडा प्राधिकरण ने सोमवार को अपना बकाया न चुकाने वाले सेक्टर-56 स्थित ब्लॉक ई-1ए के संस्थागत भूखंड को अपने कब्जे में लेकर सील कर दिया है। इस भूखंड में उत्तराखंड जन कल्याण परिषद् द्वारा उत्तराखण्ड पब्लिक स्कूल नाम से एक विद्यालय संचालित किया जाता है। सीबीएसई से मान्यता प्राप्त इस विद्यालय में नर्सरी से 12 वीं तक के 1500 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं।  नोएडा प्राधिकरण के अनुसार इस संस्था पर करीब 15 करोड़ रूपये का बकाया है, जिस कारण उन्होंने भूखंड के स्वमित्व को रद्द कर अपने कब्जे में ले लिया है। सीलिंग की ख़बर सुनते ही अभिभावक स्कूल पर जुटने लगे और स्कूल प्रबंधन तथा प्रधानाचार्य के खिलाफ गहरी नाराजगी व्यक्त की और उनका घेराव किया। 

सीबीएसई से मान्यता प्राप्त उत्तराखंड पब्लिक स्कूल नोएडा के ग्रेड 1 की श्रेणी के विद्यालयों में गिना जाता है। पठन-पाठन के अच्छे माहौल को देखते हुए अभिभावक इस विद्यालय में अपने पाल्यों को पढ़ने के लिए भेजते हैं। लेकिन हाल के कुछ वर्षों से स्कूल प्रबंधन की नाकामियां देखी गयीं हैं। जिसका उदाहरण आज की यह घटना भी शामिल है। 


1500 छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर 

संस्था द्वारा संचालित इस विद्यालय में करीब 1500 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। नोएडा प्राधिकरण द्वारा विद्यालय पर इस तरह की कार्यवाही से इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई और उनके मनोबल पर पड़ेगा। विद्यालय पर सीलिंग की कार्यवाही से अभिभावक अपने पाल्यों के भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। उनका कहना है इस समय प्राधिकरण को इस प्रकार की कार्यवाही करने से बचना होगा। जहाँ एक तरफ बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान चल  रहा है, सर्व शिक्षा अभियान की बात हो रही है परन्तु इसके विपरीत बकाये की राशि के लिए एक अच्छे खासे स्कूल को कमजोर कर बच्चों की शिक्षा को बाधित करना कहीं न्यायोचित नहीं है। 



प्रधानाचार्य और प्रबंधन के खिलाफ अभिभावकों का गुस्सा 

सीलिंग की कार्यवाही की खबर सुनते ही कुछ अभिभावक स्कूल परिसर में आ पहुँचे और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ गहरी नाराजगी व्यक्त की। प्रिंसिपल के बाहर निकलते ही कुछ महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और जवाब मांगने लगी। इस बीच प्रधानाचार्या से बहसबाज़ी भी होने लगी। 

अभिभावकों का आरोप है विद्यालय प्रबंधन ने उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दी। न ही वे अभिभावकों से मिलना चाहते हैं।  वे हर माह समय पर अपने बच्चों की फीस विद्यालय में जमा करते हैं। लेकिन आज तक 1500 की छात्र संख्या होने पर भी प्राधिकरण को बकाया क्यों नहीं जमा करवाया गया। 



1500 बच्चों का भविष्य नहीं होने देंगे ख़राब 

अभिभावकों ने कहा कि वे किसी भी हाल में अपने बच्चों का भविष्य ख़राब नहीं होने देंगे। बच्चों की पढ़ाई और अपने स्कूल के लिए वे लड़ने को तैयार हैं। शिक्षा विभाग देखल देकर बच्चों की पढ़ाई अनवरत जारी रखे। अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि यदि बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हुआ तो वे अपने सभी बच्चों के साथ नोएडा प्राधिकरण का घेराव करेंगे। 





अभिभावक परेशान न हों - नोएडा प्राधिकरण 

नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (संस्थागत) आषीश भाटी ने कहा है "उत्तराखंड पब्लिक स्कूल को नोटिस भेजा गया है। स्कूल को भूमि आवंटन किया गया था। उसकी कीमत अब तक स्कूल प्रबंधन ने नहीं चुकाई है। कई बार नोटिस भेजे गए लेकिन स्कूल मैनेजमेंट ने ना तो बकाया जमा किया और ना ही जवाब दिया है। जिसकी वजह से प्राधिकरण ने स्कूल का भूखंड आवंटन रद्द कर दिया। जिसके बाद सोमवार की दोपहर को प्राधिकरण से स्कूल सील कर दिया है। स्कूल के छात्रों और अभिभावकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्कूल में पढ़ाई बदस्तूर जारी रहेगी। "


क्या है यह मामला 

नोएडा के सेक्टर-56 स्थित ब्लॉक ई-1ए के भूखंड पर उत्तराखंड पब्लिक स्कूल का निर्माण किया गया है। 3549 वर्गमीटर जमीन का आवंटन उत्तराखंड जन कल्याण परिषद के नाम से 1991 में किया गया जबकि 1992 में परिषद ने कब्जा लिया। कुल जमीन की कीमत के 20 फीसदी पर आवंटन हुआ था, इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने भुगतान नहीं किया। प्राधिकरण ने तीन सितंबर 2020 में भूमि आवंटन रद्द कर दिया था, लेकिन कोविड महामारी के कारण कार्रवाई नहीं की गई। प्रबंधन को 11 अगस्त को 2020 को अंतिम नोटिस जारी किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले 14 मार्च 2023 और 6 अप्रैल 2023 को भी कब्जा वापस करने के लिए पत्र दिए गए, लेकिन कब्जा वापस नहीं किया गया। 21 अप्रैल को कब्जा वापस करने के लिए नोटिस जारी कर तीन दिन का समय दिया गया। इसके बाद सोमवार को प्राधिकरण ने स्कूल को सील कर दिया।