देहरादून। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ, नई दिल्ली में प्रदर्शित उत्तराखंड की झांकी को प्रथम स्थान दिलाने वाले सभी कलाकारों को उत्तराखंड सरकार प्रोत्साहन के रूप में 50-50 हजार रुपये की धनराशि देगी। ये घोषणा आज देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आज मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ, नई दिल्ली पर आयोजित विभिन्न राज्यों की झांकियों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली उत्तराखण्ड की 'मानसखण्ड' झांकी के कलाकारों ने महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी के नेतृत्व में भेंट की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड की झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त होने से राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति एवं धार्मिक विरासत को देश व दुनिया में पहचान मिली है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने झांकी में शामिल प्रत्येक कलाकार को 50-50 हजार रुपये की धनराशि देने की घोषणा की। इस अवसर पर झांकी के टीम लीडर संयुक्त निदेशक सूचना श्री के.एस.चौहान भी उपस्थित रहे।
ज्ञात हो सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक के.एस.चौहान के नेतृत्व में कर्तव्य पथ पर उक्त झांकी का प्रदर्शन किया गया था। उत्तराखंड के मानसखण्ड की झांकी को लोगों ने बेहद सराहा और उत्तराखंड की झांकी ने देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया। पृथक राज्य गठन के उपरांत ये पहला मौका है जब उत्तराखंड की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड समारोह में देश मे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। पूरे उत्तराखंड के लिए ये गौरव के क्षण हैं। आपको बताते चले की गणतंत्र दिवस की झांकी के लिए 27 राज्यों में से 16 राज्यों का ही अंतिम चयन हुआ था।
मानसखंड झांकी में क्या ख़ास था -
गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय “मानसखण्ड” रखा गया था। गणतंत्र दिवस समारोह पर कर्तव्य पथ उत्तराखंड राज्य की झांकी मार्च पास्ट करते हुऐ चतुर्थ स्थान पर देखने को मिली। झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर तथा उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया गया साथ ही उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी के मॉडल में समावेश किया गया था। झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए ढोल-दमुंवा के साथ छोलिया नर्तक शामिल थे। झांकी का थीम सांग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित है जै हो कुमाऊं, जै हो गढ़वाला ने समूचे देश को अपनी ओर आकर्षित किया।
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