उत्तराखण्ड के मानसखंड झांकी में क्या ख़ास था जो प्रथम स्थान प्राप्त हुआ ?
मानसखंड झांकी में क्या ख़ास था जो प्रथम स्थान प्राप्त हुआ ? |
गणतंत्र दिवस 2023 को कर्त्तव्य पथ पर प्रदर्शित उत्तराखंड की लोक कला ऐपण से सजी मानसखंड पर आधारित झांकी को देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। यह पहला मौका है जब उत्तराखंड की झांकी को शीर्ष में स्थान प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धित पर सभी प्रदेशवासियों में ख़ुशी की लहर है।
सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक के.एस.चौहान के नेतृत्व में कर्तव्य पथ पर उक्त झांकी का प्रदर्शन किया गया था। उत्तराखंड के मानसखण्ड की झांकी को लोगों ने बेहद सराहा था। पृथक राज्य गठन के उपरांत ये पहला मौका है जब उत्तराखंड की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड समारोह में देश मे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। पूरे उत्तराखंड के लिए ये गौरव के क्षण हैं। आपको बताते चले की गणतंत्र दिवस की झांकी के लिए 27 राज्यों में से 16 राज्यों का ही अंतिम चयन हुआ था। (What was special about the Manaskhand tableau which got the first position?)
मुख्यमंत्री धामी ने दी बधाई -
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है। मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। “मानसखण्ड” मंदिर माला मिशन के तहत चार धाम की तर्ज पर कुमाऊँ क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को भी विकसित किया जा रहा है।
मानसखंड झांकी में क्या ख़ास था -
गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय “मानसखण्ड” रखा गया था। गणतंत्र दिवस समारोह पर कर्तव्य पथ उत्तराखंड राज्य की झांकी मार्च पास्ट करते हुऐ चतुर्थ स्थान पर देखने को मिली। झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर तथा उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया गया साथ ही उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी के मॉडल में समावेश किया गया था। झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए ढोल-दमुंवा के साथ छोलिया नर्तक शामिल थे। झांकी का थीम सांग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित है जै हो कुमाऊं, जै हो गढ़वाला ने समूचे देश को अपनी ओर आकर्षित किया।