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एक सप्ताह से पोथिंग गांव के दर्जनों घरों में अँधेरा, डर के साये में रात काट रहे हैं लोग।

pothing village
कपकोट का पोथिंग गांव। इसी इलाके में एक सप्ताह से बिजली के बिना डर के साये में जी रहे हैं ग्रामीण।

 

कपकोट, 29 सितम्बर 2022 | अक्सर चुनावों प्रचार में आपने नेता जी को कहते सुना होगा हमने उत्तराखण्ड के घर-घर तक बिजली पहुंचा दी है। बिजली वितरण की भी अच्छी व्यवस्था की है। कटौती अब नहीं होगी। कोई भी फाल्ट आने पर विभाग बिजली की गति से फाल्ट ठीक करेंगे, लेकिन ये सभी दावे हैं, सपने हैं। इन सभी दावों की हकीकत बयां करती है कपकोट ब्लॉक के पोथिंग गांव की यह खबर।  

 

कपकोट के पोथिंग गांव के करीब दो दर्जन से अधिक घरों में एक सप्ताह से बिजली नहीं होने से लोग चातुर्मास के अन्धकार में डर के साये में रात काटने को मजबूर हैं। लोगों के घरों में बिजली नहीं होने से जंगली जानवरों का घर में आने का डर बना हुआ है। लोगों के मोबाइल फ़ोन बंद हो चुके हैं। घरों के आगे अँधेरा होने से जंगली जानवर खेतों में आकर उनकी बोई साग-सब्जियों को नुकसान कर रहे हैं। गांव से दूर अन्य घरों में रहने वाले लोगों को इस घुप अँधेरे में अब चोरों के आने का भी भय लगने लगा है।  


कपकोट के समीपवर्ती गांव पोथिंग के भगवती मंदिर तिपारी के पास लगे विद्युत विभाग के ट्रांसफार्मर से एक पक्षी के टकराने के एक फेस उड़ गया था। जिससे गांव के करीब दो दर्जन से अधिक घरों की बिजली गुल हो गई। आज एक सप्ताह पूरे होने हो हैं लेकिन बिजली विभाग और उनके ठेकेदार कुम्भकर्ण की नींद सो रहे हैं। ग्रामीणों ने दिनांक 25 सितम्बर 2022 को इसकी सूचना विभाग को भी फ़ोन पर दी है। लेकिन विभाग के किसी कर्मचारी ने बिजली लाइन सुचारु करने की कोशिश नहीं की है।

आज दिनांक 29 सितम्बर को टीम ई-कुमाऊं डॉट कॉम ने हाइडिल कपकोट को फ़ोन किया तो उन्होंने बताया पोथिंग गांव की बिजली की शिकायत दिनांक 25 सितम्बर को पंजीकृत हुई है। हमने ठेकेदार को अवगत करा दिया है। उन्होंने भी ठेकेदार पर  लापरवाही करने का आरोप लगाया। और टीम को सम्बंधित ठेकेदार का मोबाइल नंबर दिया।  और बात करने को कहा।  जब टीम ने ठेकेदार से बात की तो उन्होंने भी कर्मचारियों की कमी होने का हवाला दिया और कहा कि आज वे यहाँ एक कर्मचारी भेजकर बिजली सुचारु कर देंगे। 




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