हिलकोट ट्रैक - देश और दुनिया की नजरों से दूर प्रकृति का अनुपम खजाना, जहां से नजर आता है हिमालय का अभिभूत कर देने वाला सौंदर्य...

  • ग्राउंड जीरो से संजय चौहान

सीमांत जनपद चमोली में पर्यटन की दृष्टि से कई ऐसे गुमनाम पर्यटन स्थल हैं जो आज भी देश दुनिया की नजरों से दूर हैं। यदि ऐसे स्थानों को उचित प्रचार और प्रसार के जरिये देश, दुनिया को अवगत कराया जाय तो इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा अपितु स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो पायेंगे। जिससे रोजगार की आस में पलायन के लिए मजबूर हो रहे युवाओं के कदम अपने ही पहाड़ में रूक पायेंगे।

सीमांत जनपद चमोली में ऐसे ही एक गुमनाम और खूबसूरत ट्रैकिंग रूट हिलकोट ट्रैक को खोज निकाला है पिंडर घाटी के दो युवा देवेन्द्र पंचोली और कुंवर सिंह ने।चमोली जनपद के देवाल ब्लाॅक के अंतिम गांव वाण से 10 किमी की दूरी पर स्थित है ये खूबसूरत ट्रैक। (Hill Kot Track Chamoli)


हिमालय में मौजूद प्रकृति का खजाना..

हिमालय के कोने-कोने की खाक छानने वाले पर्यटकों के लिए हिलकोट ट्रैक प्रकृति का अनमोल तोहफा है। यहां आकर ऐसा लगता है कि धरती पर अगर कहीं जन्नत है तो वो यहीं हैं। चारों ओर जहां भी नजर दौड़ाओ हिमालय की गगनचुम्बी हिमाच्छादित चोटियां, मखमली घास के बुग्याल, नदी-घाटियां और विशालकाय पेड़ के दीदार होते हैं। लगभग साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हिलकोट ट्रैक मन को आनंदित कर देता है। इस ऊँचाई पर पहुंचने के बाद एक तरफ नजर दौड़ाओ तो मां नंदा का मायका दूसरी ओर नजर दौड़ाओ तो मां नंदा के ससुराल का परिक्षेत्र नजर आता है। ठीक सामने एशिया का सबसे बड़ा घास का बुग्याल वेदनी-ओली बुग्याल नजर आते हैं। उसके पास रहस्यमयी रूपकुण्ड और ब्रहकमल की फुलवारी भगुवासा नजर आती है। जबकि बर्फीली हवाएं जिस ओर से आती है तो बिल्कुल सामने नंदा घुंघुटी और त्रिशूल की हिमाच्छादित शिखर आपसे गुफ्तगु करने को मानो तैयार खड़ा है। यहाँ से कैल घाटी, नंदाकिनी घाटी, पिंडर घाटी का पूरा भूगोल भी नजर आता है। यदि किस्मत साथ दे और कुछ समय के लिए मौसम साफ रहे तो आपको यहाँ से हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं की बहुत बड़ी रेंज देखने को मिलेगी गंगोत्री, भागीरथी, बंदरपूंछ, केदारनाथ, चौखंबा, नीलकंठ, कामेट, गौरी पर्वत, हाथी पर्वत, नंदादेवी, नंदा घुघटी, सप्तकुंड सहित हिमालय की कई पर्वत श्रेणी, बंडीधुरा, नरेला, बालपाटा, रामणी, वेदनी बुग्याल, आली बुग्याल, बगजी, नागड मखमली बुग्यालों को देखा जा सकता है।



विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी और फूलों से साक्षात्कार होता है..

यहां राज्य बृक्ष बुरांस, राज्य पक्षी मोनाल, राज्य पशु कस्तूरी मृग भी देखने को मिलतें हैं। इसके अलावा सैकड़ों प्रजाति के फूल और बहुमूल्य प्रकार की वनस्पति भी देखने को मिलती है। बर्ड वाचिंग और हिमालय दर्शन के लिए ये ट्रैक किसी ऐशगाह से कम नहीं है। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि ये ट्रैक प्रकृति का अनमोल खजाना है। लेकिन तमाम खूबियों के बाद भी ये ट्रैक आज भी देश दुनिया के पर्यटकों की नजरों से ओझल है। सरकार और पर्यटन विभाग को चाहिए की हिलकोट ट्रैक को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।


(How to reach hillkot track)

ऐसे पहुंचा जा सकता है हिलकोट ट्रैक!

  • ऋषिकेश से वाण गांव 275 किमी वाहन द्वारा या 
  • काठगोदाम से वाण तक 250 किमी वाहन द्वारा 
  • वाण से - रणका खर्क 4 किमी पैदल
  • रणक खर्क से शुक्री खर्क - 4  किमी 
  • शुक्री खर्क से- हिलकोट 2 किमी पैदल
  • हिलकोट से कुकीनाखाल - 4 किमी पैदल 
  • कुकीनाखाल से वाण - 4 किमी पैदल


(ट्रैकिंग- 12 महीने, अवधि--3 से 5 दिन)

(हिमालय दर्शन और फूलों के दीदार के लिए सबसे बढ़िया समय अगस्त-सितम्बर और दिसम्बर-जनवरी)


तो आप कब आ रहें हैं..

अगर आप भी इस खूबसूरत ट्रैक को करना चाहते हैं तो संपर्क- 

देवेन्द्र बिष्ट सीईओ रूपकुण्ड टूरिज्म -- 
  • Devender Bisht- Mobile 9568403677
हीरा सिंह गढ़वाली सीईओ गढभूमि एडवेंचर- 
  • Heera Bisht Garhwali- Mobile  9756480219