उत्तराखंड में पेपर लीक मामले में बेराजगार युवाओं के भारी विरोध के बीच उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पटवारी/लेखपाल भर्ती परीक्षा 2022 और संयुक्त कनिष्ठ अभियंता परीक्षा 2021 में उन अभ्यर्थियों की सूची जारी की है, जो इस परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग में संलिप्त थे। आयोग की विज्ञप्ति संख्या 220/03/E-5/डी .आर./रा0उ0नि0/2022-23 दिनांक 10 फरवरी 2023 के माध्यम से पटवारी/लेखपाल भर्ती परीक्षा 2022 में 44 ऐसे अभ्यर्थी हैं जो इस परीक्षा में अनुचित साधनों का उपयोग करते हुए पकडे गए हैं तथा संयुक्त कनिष्ठ अभियंता परीक्षा 2021 में इन अभ्यर्थियों की संख्या 12 है। विभाग के परीक्षा नियंत्रक डॉ प्रशांत के अनुसार विज्ञापन के बिन्दु संख्या-22 के उप बिन्दु 6 (क) एवं Uttarakhand Public Service Commission (Procedure and Conduct of Business) Rules-2013 के बिन्दु संख्या-23-A के उप बिन्दु 14 के अनुक्रम में विवर्जित (Debarred) संबंधी कार्यवाही की जा रही है।
List of Accused Candidates involved in mal Practices of Revenue Sub Inspector |
List of Accused Candidates involved in mal Practices of Revenue Sub Inspector |
12 फरवरी को पटवारी/लेखपाल परीक्षा, उत्तराखंड पुलिस ने जारी किया ये सन्देश -
प्रदेश में नक़ल विरोधी अध्यादेश जारी-
उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को जारी कर दिया गया है। इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास की सजा तथा 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि उक्त परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोष सिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी। इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।
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