उत्तराखण्ड का प्रतिनिधि गीत बेडू पाको बारामासा अब नए कलेवर में, जिसे एक साथ इतने सुप्रसिद्ध लोक गायकों ने अपने सुरों से सजाया है। |
उत्तराखण्ड का प्रतिनिधि गीत 'बेडू पाको बारामासा, वो नरैण काफल पाको चैता मेरी छैला' अब नए कलेवर में जनता के बीच धूम मचा रहा है। इस गीत में उत्तराखण्ड के चौबीस लोक गायकों ने अपनी आवाज दी है। यही चौबीस कण्ठ इस गीत को ख़ास बनाते हैं। वर्ष 1952 से अभी तक इस गीत को अलग-अलग गायकों ने अपने अलग-अलग अंदाज और अलग-अलग मंच पर गाया है लेकिन यह पहला मौक़ा है जब एक साथ इस गीत को इतने प्रसिद्ध लोक गायकों ने अपने मधुर कण्ठ से सजाया है।
उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर यूट्यूब पर रिलीज़ हुए 'बेडू पाको बारामासा' गीत को 3 तीन के भीतर चार लाख से अधिक बार देखा जा चुका है और तीन हजार से ज्यादा लोगों ने इस गीत पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। इस गीत में नरेंद्र सिंह नेगी, नैननाथ रावल, प्रीतम भरतवाण, प्रह्लाद मेहरा, मीना राणा, कल्पना चौहान, दीवान कनवाल, सुरेश प्रसाद 'सुरीला', प्रकाश रावत, फौजी ललित मोहन जोशी, गजेंद्र राणा, किशन महिपाल, रजनीकांत सेमवाल, अमित सागर, वीरेंद्र राजपूत, गोविंद दिगारी, जितेंद्र तोमकियाल, इंदर आर्य, हेमा ध्यानी, रेशमा शाह, कैलाश कुमार, चंद्रप्रकाश एवं पंकज पांडे ने अपने मधुर स्वर दिए हैं। पार्श्व स्वर रेडियो जॉकी काव्य के हैं। गीत में अतिरिक्त लिरिक्स प्रसिद्ध लेखक एवं उद्घोषक नैनीताल के हेमंत बिष्ट ने लिखे हैं। मोहन जोशी और नितेश बिष्ट की मनमोहक बांसुरी की धुन और रणजीत सिंह के संगीत संयोजन से उत्तराखण्ड का यह प्रतिनिधि गीत नए मुकाम की ओर अग्रसर है। इस गीत की डबिंग दिल्ली, हल्द्वानी, चम्बा के अलग-अलग स्टूडियो में हुई है।
बेहद कर्णप्रिय संगीत के साथ ही पहाड़ के पारम्परिक ढोल-दमौं और छलिया नृत्य के साथ यह गीत किस मेहनत के साथ तैयार किया गया होगा इसका अंदाजा गीत और वीडियो को देखने से लगाया जा सकता है। वीडियो में उत्तराखण्ड से बेहद लगाव रखने वाले बॉलीबुड स्टार हेमंत पांडे और संजय मिश्रा अभिनय करते हुए नजर आ रहे हैं।
उत्तराखण्ड के लोक संगीत के संरक्षण और संवर्धन पर कार्य रहे चांदनी इंटरप्राइजेज के बैनर तले बने इस वीडियो को बागेश्वर के बदियाकोट धाम और भनार के बंज्यैण मंदिर के खूबसूरत दृश्यों के साथ ही पांडव नृत्य, छोलिया नृत्य एवं यहाँ के दर्शनीय दृश्यों ने और भी मनमोहक बना दिया है।
किसने लिखा बेडू पाको बारामासा गीत ?
बेडू पाको बारामासा गीत के रचयिता स्वर्गीय बृजेन्द्र लाल साह हैं। जिसे मोहन उप्रेती एवं बृजमोहन साह ने संगीतबद्ध किया था। राग दुर्गा पर आधारित बेडू पाको बारामासा गीत सर्वप्रथम वर्ष 1952 में राजकीय इंटर कॉलेज नैनीताल के मंच पर गाया गया था।
यहाँ आप भी आनंद लीजिये नए कलेवर में बेडू पाको बारामासा गीत का -
बेडू पाको बारामासा लिरिक्स - (Bedu Pako BaraMasa Lyrics)
इस गीत को अब तक कई गायकों ने गाया है। जिसमें उन्होंने अपने लिरिक्स भी जोड़े हैं। पुराने गीत के लिरिक्स कुछ इस प्रकार हैं -
नरैण काफल पाको चैत मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ,
ओ नरैण काफल पाको चैत मेरी छैला।।
रुणा भूणा दिन आया ,
नरैण को जा मेरी मैता ,मेरी छैला।
अल्मोड़े की नंदा देवी ,
नरैण फुल चढूनी पाती ,मेरी छैला।
जैसी तीले बोली मारी ,
ओह नरैण धन्य मेरी छाती मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ,
ओ नरैण काफल पाको चैत मेरी छैला।
नैनीताल की नंदा देवी ,
नरैण फुल चढूनी पाती ,मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ,
ओ नरैण काफल पाको चैत मेरी छैला।
तेरी खुटी को कान बूड़ो ,
नरैण मेरी खुटी में पीड़ा ,मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ,
ओ नरैण काफल पाको चैत मेरी छैला।
अल्मोड़े की लाल बजारा -2
नरैण पाथरे की सीणी मेरी छैला।
आपु खानी पान सुपारी -2
ओ नरैण मैकू दीनी बीड़ी मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ,
ओ नरैण काफल पाको चैत मेरी छैला।
श्री बिजेंद्र लाल शाह -2
यो तनोरो गीत मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ......
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