वेबसाइट KumauniArchives.com पर होगा कुमाउनी भाषा-साहित्य का डिजिटलीकरण।
लॉकडाउन के पिछले ३-४ महीनों में उत्तराखण्ड के क्रिएटिव युवाओं ने एक वेबसाइट kumauniarchives.com पर कार्य किया है जिसका उद्देश्य कुमाउनी भाषा-साहित्य एवं कुमाऊँ/कुमाउनी विषयों से सम्बंधित डाटा (पुस्तकें, लेख, पत्रिकाएँ, नक़्शे, ऑडियो वगैरह) का डिजिटलीकरण कर सहेजना और संकलित करना है। वर्तमान में यह संकलन कुल सौ पुस्तकों आदि का है। इस वेबसाइट पर कार्य कर रहे रिस्की पाठक का कहना यह वेबसाइट अभी शैशवावस्था में है इसमें समय के साथ नयी पुस्तकें, लेख, नक़्शे आदि जुड़ते जायेंगे।
आगामी 10 सितम्बर गुरुवार, उत्तराखंड के जनकवि और प्रेरणास्त्रोत स्व. गिरीश तिवारी "गिर्दा" के जन्मदिन (जयंती) पर इस वेबसाइट kumauniarchives.com का लोकार्पण होने जा रहा है। इस अवसर पर एक विचार गोष्ठी भी रखी है जिसका विषय है "डिजिटल युग मे क्षेत्रीय भाषाओं का संरक्षण", जिसकी अध्यक्षता डॉ. सुरेश पन्त करेंगे और संचालन वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी के हाथों में होगा। अतिथि वक्ताओं में डा. शेखर पाठक (इतिहासकार), श्री नरेंद्र सिंह नेगी ( जनकवि एवं लोकगायक), नृप सिंह नपच्याल आईएस (सेवानिवृत्त मुख्य सचिव, उत्तराखंड), डॉ. हरीश सिंह रावत (सम्पादक, "पहरू" कुमाउनी मासिक पत्रिका), हेमंत बिष्ट (कवि एवं उद्घोषक), श्री कमल कर्णाटक (IT विशेषज्ञ), श्री भीष्म कुकरेती (लेखक एवं विचारक), श्री आशुतोष उपाध्याय (विज्ञान प्रसार विशेषज्ञ), श्री मदन डुकलान (कवि एवं संस्कृतिकर्मी), श्री मनोज भट्ट (स्टार्टअप विशेषज्ञ) रहेंगें। इस कार्यक्रम में ज्योति उप्रेती सती अपनी मधुर आवाज में गिर्दा के गीत की प्रस्तुति भी देंगी।
यह कार्यक्रम आप 10 सितम्बर गुरुवार शाम 6 बजे से नीचे दिए फेसबुक लिंक पर लाइव देख सकते हैं- Live देखें /button
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