कुमाऊँ में आज बूढ़ि दीवाली, यहाँ किस प्रकार मनाया जाता है यह पर्व, पढ़िए यहाँ -
घर
की महिला सुबह भुइयां को रिखू से पीटते हुए घर से बाहर " भाज भुइयां भाज"
कहती हुई आती है और आंगन में ओखल के पास दिया जलाकर अखरोट और दाड़िम फोड़ती
हैं, उसके बाद सूप से खील बिखेरते हुए घर के अंदर जाती हैं। इस दौरान "आओ
भैठो लछमी नरैण, भाज भुइयां घर से बाहर" कहा जाता है और आज ही दिन में
तुलसी विवाह भी सम्पन्न होता है तथा शाम को दीप जलाये जाते हैं। इस प्रकार
कोजागर पूर्णिमा से शुरू हुये दीपावली पर्व की आधिकारिक समाप्ति होती है।