Breaking News
Loading...

बागेश्वर के देवलचौरा में भी मैती आंदोलन, बेटी विदा होने से पूर्व लगाएगी एक पेड़।


मैती आंदोलन के तहत देवलचौंरा की बेटी पूजा गड़िया नगरकोटी अपने दूल्हे मनोज नगरकोटी के साथ पेड़ रोपते हुए, साथ में ग्रामीण। 

वर्ष 1994 में शुरू हुए पर्यावरण से जुड़े मैती आंदोलन से सीख लेते हुए बागेश्वर के देवलचौरा में भी अब हर बेटी विवाह के बाद अपने मायके में एक पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगी। जिसकी विधिवत शुरुवात यहां की पूजा गड़िया सुपुत्री खुशाल सिंह गड़िया ने किमोली दफौट गांव के मनोज नगरकोटी के साथ परिणय सूत्र में बंधकर अपने मायके देवलचौरा में एक पेड़ रोपकर की। बेटी की याद में इस पेड़ की देखभाल मायके पक्ष के लोग करेंगे। आज से एक परम्परा के रूप में यहां अब हर बेटी द्वारा उसके विवाह बाद ससुराल विदा होने से पूर्व एक पेड़ लगाया जाएगा।

खंड विकास अधिकारी ने किया जागरूक, ग्राम प्रधान ने धरातल शुरू कर दी यह परम्परा -

पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी इस अनोखी पहल को शुरू करने में क्षेत्र के खंड विकास अधिकारी आलोक भंडारी और महिला ग्राम प्रधान भागीरथी देवी का अहम योगदान है। श्री भंडारी द्वारा अपने बैठकों में ग्रामीणों को इस आंदोलन की जानकारी दी, इसके महत्वों से अवगत कराया, जिसे धरातल पर उतारने का काम गांव की प्रधान भागीरथी देवी ने किया।

बारात में आये सभी जनों ने इस पहल की भूरि-भूरि प्रंशसा की। उन्होंने नवदम्पति पूजा और मनोज को आशीर्वाद दिया। प्रधान भागीरथी देवी और खंड विकास अधिकारी आलोक भंडारी को इस पुनीत कार्य हेतु प्रेरित करने के लिए धन्यवाद दिया। देवलचौंरा के सामाजिक कार्यकर्ता और मीडिया प्रभारी हरीश मेहता समेत समस्त ग्रामीणों ने इस शुरुवात पर ख़ुशी जाहिर की और खुद को गौरवान्वित महसूस किया। भविष्य में भी इस अभियान को आगे बढ़ाते रहने का संकल्प लिया। 


क्या है मैती आंदोलन - Maitee Movement : पढ़ने के लिए इस पर क्लिक करें - मैती आंदोलन


 

देवलचौंरा में प्रथम बार मैती वृक्षारोपण करते नव सम्पति। 
न्यूज़ ई-कुमाऊँ डॉट कॉम आपके सुखमय दांपत्य जीवन की शुभकामनायें देता है। 

 

Post a Comment

Previous Post Next Post